Saturday 20 December 2014

डॉ. कलाम तुझे सलाम ! 
 कमलसमान ह्मदय तुझे असे
 सांगतेय माझी कलम तुझा कलाम,
 आता आनंद दाटतोय मीन, कारण

विश्वात होणार आहे कमला
 तुझ्या इच्छाशक्तीची उंची अमाप
 करील बघ किती चंद्रतारे पार,
 अण्वस्त्रासमान तुझे गतीमान विचार
 देतील पहा, सतयुगी हुंकार !
धर्म, पंथ तुला स्पर्श करेना
तुझ्यात ती अलौकिता अपार,
मानवता तुझ्या रगारगात, आणि
देशप्रेम व्यक्त करताहेत श्वासोच्छवास !
 विज्ञानाची कास तुझी अन्
 अद्वितीय आध्यात्मिक धारणा,
 वि·ानियंताचा कर्मयोगी तू
 आणशील विश्व -बापूंचे रामराज्य खास
सारा देश सवे तुझ्या असे
तुझे कर्तृत्व घेत आहे आशीर्वाद,
घे आता भरारी, अवकाशी स्वप्नांच्या
पसरुनी तुझे, अग्निपंख विशाल!
सत्य शेवटी एक असे
परमात्म्याची सर्व लेकरे, अनेक रूपी जरी दिसे
एका तरुची फळे, फुलेही, बीज तयांचे एक असे
नानारंगी, नानागंधी, नाना पुष्पांची ही माला
फुले भलेही वेगवेगळी, माळ परंतु एक असे

चीन, अमेरिका, जपान रशिया अथवा भारत पाकिस्थान
देशांची ही अनेक नावे, भूमी तर ही एक असे
अरबी, हिंद महासागर, वा पॅसिफिकही म्हणा तया
नाव भिन्न दिले तरीही, जलनिधी हा एक असे

कुणी ऊंच तर कुणी ठेंगणा, रंग, भाषा असती नाना
विविध भासे भेद तरही, आत्मरुपाने एक असे
प्रकार अवघे सत्य समजूनी, आपसांत का वैर करी
सोडा, सोडा भ्रम हे सारे, सत्य शेवटी एक असे

Thursday 18 December 2014

२०१५मधील सुट्ट्या व कार्यक्रम (जागतिक दिवस)

२०१५मधील सुट्ट्या व कार्यक्रम (जागतिक दिवस)



ईद-ए-मिलाद -  रविवार, ४ जानेवारी
प्रजासत्ताक दिन - सोमवार, २६ जानेवारी
महाशिवरात्री - मंगळवार, १७ फेब्रुवारी
शिवाजी महाराज जयंती - गुरुवार,१९ फेब्रुवारी
होळी, धुलिवंदन - शुक्रवार, ६ मार्च
गुढीपाडवा - शनिवार, २१ मार्च
रामनवमी - शनिवार, २८ मार्च
महावीर जयंती - गुरुवार, २ एप्रिल
गुड फ्रायडे - शुक्रवार, ३ एप्रिल
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जयंती - मंगळवार, १४
एप्रिल
महाराष्ट्र दिन - शुक्रवार, १ मे
बुद्ध पौर्णिमा - सोमवार, ४ मे
रमजान ईद - शनिवार १८ जुलै
स्वातंत्र्य दिन - शनिवार, १५ ऑगस्ट
पतेती - मंगळवार, १८ ऑगस्ट
गणेश चतुर्थी - गुरुवार, १७ सप्टेंबर
बकरी ईद - गुरुवार, २४ सप्टेंबर
महात्मा गांधी जयंती - शुक्रवार, २ ऑक्टोबर
दसरा - गुरुवार, २२ ऑक्टोबर
लक्ष्मीपूजन - बुधवार, ११ नोव्हेंबर
बलिप्रतिपदा - गुरुवार, १२ नोव्हेंबर
गुरू नानक जयंती - बुधवार, २५ नोव्हेंबर
ईद-ए-मलिाद - गुरुवार, २४ डिसेंबर
ख्रिसमस - शुक्रवार, २५ डिसेंबर

 ��जागतिक दिवस��


            ��जानेवारी��
               ******
१ जानेवारी : जागतिक वर्षारंभ दिवस.
१२ जानेवारी :  राष्ट्रीय युवक दिन.
१५ जानेवारी : राष्ट्रीय सैन्य दिन.
२६ जानेवारी : भारतीय प्रजासत्ताक दिवस.
३० जानेवारी : भारतीय हुतात्मा दिवस
(महात्मा गांधी स्मृति दिन).

              ��फेब्रुवारी��
                    ****
४ फेब्रुवारी : जागतिक कर्करोग दिवस.
१४ फेब्रुवारी : जागतिक व्हॅलेन्टाइन दिवस.
२० फेब्रुवारी : जागतिक सामाजिक न्याय दिवस.
२१ फेब्रुवारी : आंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस
                      (राष्ट्रसंघद्वारा घोषित).
२२ फेब्रुवारी : आंतरराष्ट्रीय स्काउट दिवस.
२४ फेब्रुवारी : केंद्रीय उत्पादनशुल्क दिन.
२७ फेब्रुवारी : जागतिक नाट्यदिन.
२७ फेब्रुवारी : जागतिक मराठी भाषा दिवस.
२८ फेब्रुवारी : राष्ट्रीय विज्ञान दिवस.

              ��मार्च��
               ****
७ मार्च : जागतिक गणित दिवस.
८ मार्च : आंतरराष्ट्रीय महिला दिन
                (राष्ट्रसंघद्वारा घोषित).
२० मार्च : जागतिक चिमणी दिवस.
२१ मार्च : जागतिक जंगल दिवस.
२२ मार्च : जागतिक पाणी दिवस
                 (राष्ट्रसंघद्वारा घोषित).
२३ मार्च : जागतिक हवामान दिवस.
२४ मार्च : जागतिक क्षयरोग दिवस.
३० मार्च : जागतिक डॉक्टर दिवस.

             ��एप्रिल��
                *****
१ एप्रिल : जागतिक मूर्खांचा दिवस.
५ एप्रिल : राष्ट्रीय सागरी दिन.
७ एप्रिल : जागतिक आरोग्य दिवस.
११ एप्रिल : जागतिक पार्किन्सन दिवस.
१७ एप्रिल : जागतिक हेमोफिलिया दिवस.
२२ एप्रिल : भारतीय वर्षारंभ दिवस.
२२ एप्रिल : जागतिक वसुंधरा दिन.
२३ एप्रिल : जागतिक प्रताधिकार दिवस
                   (राष्ट्रसंघद्वारा घोषित).
२५ एप्रिल : जागतिक मलेरिया दिवस.

             ��मे��
                 **
१ मे : महाराष्ट्र दिवस.
१ मे : आंतरराष्ट्रीय कामगार दिवस.
१ मे जागतिक अस्थमा दिवस.
१ मे : जागतिक दमा दिवस.
३ मे : जागतिक वृत्तपत्रस्वातंत्र्य दिन
             (राष्ट्रसंघद्वारा घोषित).
४ मे : आंतरराष्ट्रीय अग्निशमन दिवस.
८ मे : जागतिक रेडक्रॉस दिवस.
९ मे : जागतिक थॅलसीमिया दिवस.
११ मे : राष्ट्रीय तंत्रज्ञान दिवस.
१२ मे : आंतरराष्ट्रीय परिचारिका दिवस.
१५ मे : आंतरराष्ट्रीय कुटुंबपरिवार दिवस.
१७ मे : जागतिक दूरसंचार दिवस.
१९ मे जागतिक कावीळ दिवस.
२२ मे : आंतरराष्ट्रीय जैविक विविधता दिवस
             (राष्ट्रसंघद्वारा घोषित).
२३ मे : आंतरराष्ट्रीय कूर्मदिन.
३१ मे : जागतिक तंबाखूसेवन विरोधी दिन.
��मे महिन्यातला पहिला रविवार :
जागतिक
हास्यदिन.��������
��मे महिन्यातला दुसरा रविवार : आंतरराष्ट्रीय
मातृदिन.��

                 ��जून��
                       **
१ जून : आंतराराष्ट्रीय बालदिन.
५ जून : जागतिक पर्यावरण दिन
              (राष्ट्रसंघद्वारा घोषित).
जूनमधला तिसरा रविवार : पितृदिन               (अमेरिका,इंग्लंड, कॅनडा).
१४ जून : जागतिक रक्तदान दिवस.

                ��जुलै��
                    ***
१ जुलै : भारतीय डॉक्टर दिवस.
११ जुलै : आंतरराष्ट्रीय लोकसंख्या दिन.
२९ जुलै : आंतरराष्ट्रीय व्याघ्रदिन.

             ����ऑगस्ट����
              *******
९ ऑगस्ट : भारतीय ग्रंथालय दिवस.
९ ऑगस्ट : भारत छोडो दिवस.
१२ ऑगस्ट : भारतीय ग्रंथपाल दिवस.
१४ ऑगस्ट : पाकिस्तानी स्वातंत्र्य दिवस.
१५ ऑगस्ट : भारतीय स्वातंत्र्य दिन.
२० ऑगस्ट : जागतिक मच्छर दिवस.
२९ ऑगस्ट : राष्ट्रीय क्रीडा दिवस,
                   ध्यानचंद जयंती.

          ✨ सप्टेंबर✨
               *****
५ सप्टेंबर : भारतीय शिक्षक दिवस.
५ सप्टेंबर : भारतीय संस्कृत दिन.
८ सप्टेंबर : आंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस
                (राष्ट्रसंघद्वारा घोषित).
पितृदिन (ऑस्ट्रेलिया न्यू झीलंड) : सप्टेंबर
महिन्यातला पहिला रविवार
जागतिक अल्झेमायर दिवस : सप्टेंबर २१
आंतरराष्ट्रीय शांतता दिवस : सप्टेंबर २१
अमेरिकन कामगारदिन : सप्टेंबरमधला पहिला सोमवार
जागतिक ओझोन संरक्षण दिवस : सप्टेंबर १६
२७ सप्टेंबर : जागतिक पर्यटन दिवस.
जागतिक प्रथमोपचार दिवस : सप्टेंबर ११
२७ सप्टेंबर : मराठीमाती संकेतस्थळ २७
सप्टेंबर
२००२
साली सुरू झाले.
आजी-आजोबा दिवस : अमेरिकेत, सप्टेंबरमधील
कामगारदिनानंतरचा रविवार

        ��ऑक्टोबर��
           *******
२ ऑक्टोबर : जागतिक अहिंसा दिवस,
गांधी जयंती.
गांधी जयंती मराठी शुभेच्छापत्रे
५ ऑक्टोबर : जागतिक शिक्षक दिन         (राष्ट्रसंघद्वारा रा घोषित).
८ ऑक्टोबर : भारतीय वायु दिन.
१० ऑक्टोबर : जागतिक मानसिक आरोग्य     दिवस.
१० ऑक्टोबर : राष्ट्रीय टपाल दिवस.
१६ ऑक्टोबर : जागतिक अन्न दिन.

         ��नोव्हेंबर��
             *****
१२ नोव्हेंबर : जागतिक न्युमोनिया दिवस.
१४ नोव्हेंबर : भारतीय बालदिन, नेहरू जयंती.
१६ नोव्हेंबर : जागतिक सहनशीलता दिवस.

             ��डिसेंबर��
                 ******
१ डिसेंबर : जागतिक एड्स दिवस
                    (राष्ट्रसंघद्वारा घोषित).
३ डिसेंबर : जागतिक अपंग दिवस.
७ डिसेंबर : आंतरराष्ट्रीय विमानवाहतूक दिवस.
१८ डिसेंबर : भारतीयo अल्पसंख्याक हक्क दिवस.
२३ डिसेंबर : भारतीय किसान दिन.
२३ डिसेंबर : राष्ट्रीय शेतकरी


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For best friends२०१५मधील सुट्ट्या व कार्यक्रम (जागतिक दिवस)
ईद-ए-मिलाद -  रविवार, ४ जानेवारी
प्रजासत्ताक दिन - सोमवार, २६ जानेवारी
महाशिवरात्री - मंगळवार, १७ फेब्रुवारी
शिवाजी महाराज जयंती - गुरुवार,१९ फेब्रुवारी
होळी, धुलिवंदन - शुक्रवार, ६ मार्च
गुढीपाडवा - शनिवार, २१ मार्च
रामनवमी - शनिवार, २८ मार्च
महावीर जयंती - गुरुवार, २ एप्रिल
गुड फ्रायडे - शुक्रवार, ३ एप्रिल
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जयंती - मंगळवार, १४
एप्रिल
महाराष्ट्र दिन - शुक्रवार, १ मे
बुद्ध पौर्णिमा - सोमवार, ४ मे
रमजान ईद - शनिवार १८ जुलै
स्वातंत्र्य दिन - शनिवार, १५ ऑगस्ट
पतेती - मंगळवार, १८ ऑगस्ट
गणेश चतुर्थी - गुरुवार, १७ सप्टेंबर
बकरी ईद - गुरुवार, २४ सप्टेंबर
महात्मा गांधी जयंती - शुक्रवार, २ ऑक्टोबर
दसरा - गुरुवार, २२ ऑक्टोबर
लक्ष्मीपूजन - बुधवार, ११ नोव्हेंबर
बलिप्रतिपदा - गुरुवार, १२ नोव्हेंबर
गुरू नानक जयंती - बुधवार, २५ नोव्हेंबर
ईद-ए-मलिाद - गुरुवार, २४ डिसेंबर
ख्रिसमस - शुक्रवार, २५ डिसेंबर

 ��जागतिक दिवस��


            ��जानेवारी��
               ******
१ जानेवारी : जागतिक वर्षारंभ दिवस.
१२ जानेवारी :  राष्ट्रीय युवक दिन.
१५ जानेवारी : राष्ट्रीय सैन्य दिन.
२६ जानेवारी : भारतीय प्रजासत्ताक दिवस.
३० जानेवारी : भारतीय हुतात्मा दिवस
(महात्मा गांधी स्मृति दिन).

              ��फेब्रुवारी��
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४ फेब्रुवारी : जागतिक कर्करोग दिवस.
१४ फेब्रुवारी : जागतिक व्हॅलेन्टाइन दिवस.
२० फेब्रुवारी : जागतिक सामाजिक न्याय दिवस.
२१ फेब्रुवारी : आंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस
                      (राष्ट्रसंघद्वारा घोषित).
२२ फेब्रुवारी : आंतरराष्ट्रीय स्काउट दिवस.
२४ फेब्रुवारी : केंद्रीय उत्पादनशुल्क दिन.
२७ फेब्रुवारी : जागतिक नाट्यदिन.
२७ फेब्रुवारी : जागतिक मराठी भाषा दिवस.
२८ फेब्रुवारी : राष्ट्रीय विज्ञान दिवस.

              ��मार्च��
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७ मार्च : जागतिक गणित दिवस.
८ मार्च : आंतरराष्ट्रीय महिला दिन
                (राष्ट्रसंघद्वारा घोषित).
२० मार्च : जागतिक चिमणी दिवस.
२१ मार्च : जागतिक जंगल दिवस.
२२ मार्च : जागतिक पाणी दिवस
                 (राष्ट्रसंघद्वारा घोषित).
२३ मार्च : जागतिक हवामान दिवस.
२४ मार्च : जागतिक क्षयरोग दिवस.
३० मार्च : जागतिक डॉक्टर दिवस.

             ��एप्रिल��
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१ एप्रिल : जागतिक मूर्खांचा दिवस.
५ एप्रिल : राष्ट्रीय सागरी दिन.
७ एप्रिल : जागतिक आरोग्य दिवस.
११ एप्रिल : जागतिक पार्किन्सन दिवस.
१७ एप्रिल : जागतिक हेमोफिलिया दिवस.
२२ एप्रिल : भारतीय वर्षारंभ दिवस.
२२ एप्रिल : जागतिक वसुंधरा दिन.
२३ एप्रिल : जागतिक प्रताधिकार दिवस
                   (राष्ट्रसंघद्वारा घोषित).
२५ एप्रिल : जागतिक मलेरिया दिवस.

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१ मे : महाराष्ट्र दिवस.
१ मे : आंतरराष्ट्रीय कामगार दिवस.
१ मे जागतिक अस्थमा दिवस.
१ मे : जागतिक दमा दिवस.
३ मे : जागतिक वृत्तपत्रस्वातंत्र्य दिन
             (राष्ट्रसंघद्वारा घोषित).
४ मे : आंतरराष्ट्रीय अग्निशमन दिवस.
८ मे : जागतिक रेडक्रॉस दिवस.
९ मे : जागतिक थॅलसीमिया दिवस.
११ मे : राष्ट्रीय तंत्रज्ञान दिवस.
१२ मे : आंतरराष्ट्रीय परिचारिका दिवस.
१५ मे : आंतरराष्ट्रीय कुटुंबपरिवार दिवस.
१७ मे : जागतिक दूरसंचार दिवस.
१९ मे जागतिक कावीळ दिवस.
२२ मे : आंतरराष्ट्रीय जैविक विविधता दिवस
             (राष्ट्रसंघद्वारा घोषित).
२३ मे : आंतरराष्ट्रीय कूर्मदिन.
३१ मे : जागतिक तंबाखूसेवन विरोधी दिन.
��मे महिन्यातला पहिला रविवार :
जागतिक
हास्यदिन.��������
��मे महिन्यातला दुसरा रविवार : आंतरराष्ट्रीय
मातृदिन.��

                 ��जून��
                       **
१ जून : आंतराराष्ट्रीय बालदिन.
५ जून : जागतिक पर्यावरण दिन
              (राष्ट्रसंघद्वारा घोषित).
जूनमधला तिसरा रविवार : पितृदिन               (अमेरिका,इंग्लंड, कॅनडा).
१४ जून : जागतिक रक्तदान दिवस.

                ��जुलै��
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१ जुलै : भारतीय डॉक्टर दिवस.
११ जुलै : आंतरराष्ट्रीय लोकसंख्या दिन.
२९ जुलै : आंतरराष्ट्रीय व्याघ्रदिन.

             ����ऑगस्ट����
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९ ऑगस्ट : भारतीय ग्रंथालय दिवस.
९ ऑगस्ट : भारत छोडो दिवस.
१२ ऑगस्ट : भारतीय ग्रंथपाल दिवस.
१४ ऑगस्ट : पाकिस्तानी स्वातंत्र्य दिवस.
१५ ऑगस्ट : भारतीय स्वातंत्र्य दिन.
२० ऑगस्ट : जागतिक मच्छर दिवस.
२९ ऑगस्ट : राष्ट्रीय क्रीडा दिवस,
                   ध्यानचंद जयंती.

          ✨ सप्टेंबर✨
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५ सप्टेंबर : भारतीय शिक्षक दिवस.
५ सप्टेंबर : भारतीय संस्कृत दिन.
८ सप्टेंबर : आंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस
                (राष्ट्रसंघद्वारा घोषित).
पितृदिन (ऑस्ट्रेलिया न्यू झीलंड) : सप्टेंबर
महिन्यातला पहिला रविवार
जागतिक अल्झेमायर दिवस : सप्टेंबर २१
आंतरराष्ट्रीय शांतता दिवस : सप्टेंबर २१
अमेरिकन कामगारदिन : सप्टेंबरमधला पहिला सोमवार
जागतिक ओझोन संरक्षण दिवस : सप्टेंबर १६
२७ सप्टेंबर : जागतिक पर्यटन दिवस.
जागतिक प्रथमोपचार दिवस : सप्टेंबर ११
२७ सप्टेंबर : मराठीमाती संकेतस्थळ २७
सप्टेंबर
२००२
साली सुरू झाले.
आजी-आजोबा दिवस : अमेरिकेत, सप्टेंबरमधील
कामगारदिनानंतरचा रविवार

        ��ऑक्टोबर��
           *******
२ ऑक्टोबर : जागतिक अहिंसा दिवस,
गांधी जयंती.
गांधी जयंती मराठी शुभेच्छापत्रे
५ ऑक्टोबर : जागतिक शिक्षक दिन         (राष्ट्रसंघद्वारा रा घोषित).
८ ऑक्टोबर : भारतीय वायु दिन.
१० ऑक्टोबर : जागतिक मानसिक आरोग्य     दिवस.
१० ऑक्टोबर : राष्ट्रीय टपाल दिवस.
१६ ऑक्टोबर : जागतिक अन्न दिन.

         ��नोव्हेंबर��
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१२ नोव्हेंबर : जागतिक न्युमोनिया दिवस.
१४ नोव्हेंबर : भारतीय बालदिन, नेहरू जयंती.
१६ नोव्हेंबर : जागतिक सहनशीलता दिवस.

             ��डिसेंबर��
                 ******
१ डिसेंबर : जागतिक एड्स दिवस
                    (राष्ट्रसंघद्वारा घोषित).
३ डिसेंबर : जागतिक अपंग दिवस.
७ डिसेंबर : आंतरराष्ट्रीय विमानवाहतूक दिवस.
१८ डिसेंबर : भारतीयo अल्पसंख्याक हक्क दिवस.
२३ डिसेंबर : भारतीय किसान दिन.
२३ डिसेंबर : राष्ट्रीय शेतकरी


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For best friends

Thursday 11 December 2014

सोन्‍याची कुदळ

एका माणसाला दोन मुले होती जेव्‍हा तो म्‍हातारा झाला. तेव्‍हा त्‍याने आपल्‍या दोन्‍ही मुलांना बोलावले आणि म्‍हटले,' आता माझे वय झाले आहे, देवाचे कधी मला बोलावणे येईल आणि मरण्‍यापूर्वी मी तुम्‍हाला काही सांगू इच्छितो. पैसा हा भांडणाचे मूळ आहे. त्‍यामुळे मी माझ्यासमोरच पैशाची विभागणी करू इच्छितो, माझ्याकडे एक करामती कुदळ आहे. तिला जितके चालवाल तितके सोने ती उकरते. एकीकडे ही कुदळ आहे आणि दुसरीकडे सारे धन-संपत्ती, तुम्‍ही सांगा की कोण काय घेणार? मोठ्या मुलाने विचार केली की कुदळीला कोणी चोरले तर आपल्‍याकडे काहीच राहणार नाही. त्‍यामुळे धन-संपत्ती घ्‍यायला पाहिजे. लहान मुलाने विचार केला की नेहमीच सोने उकरणारी कुदळ घ्‍यायला पाहिजे. अशाप्रकारे मोठ्या मुलाने धनसंपत्ती आणि छोट्या मुलाने कुदळ घेतली. वडील हरिद्वारला निघून गेले. त्‍यांचे नियंत्रण सरकताच मोठ्या मुलाने पैसा पाण्‍यासारखा पैसा खर्च करायला सुरुवात केली आणि काही काळानंतरच तो गरीब झाला. इकडे लहानमुलाने शेतात जाऊन कुदळ चालवणे सुरु केले परंतू त्‍यातून मातीच निघाली. सोने नाही, तो हैराण झाला की वडिलांनी आपल्‍याला खोटे का सांगितले?मग त्‍याच्‍या आत्‍म्याने म्‍हटले,'' नाही, वडील खोटे बोलू शकत नाहीत. एक दिवस कुदळ सोने अवश्‍य देईल आणि आपण श्रीमंत होऊ.'' असा विचार करून तो दररोज शेतात कुदळ चालवायचा. त्‍याने शेतात पिकाची पेरणी केली आणि भरघोस पीक आले. गावात सर्वात जास्‍त पीक त्‍याच्‍या शेतात आले होते. अशा प्रकारे कुदळीने वास्‍तवात सोने दिले होते आणि तो श्रीमंत झाला.

तात्‍पर्य :- संपन्नतेची खरी चावी परिश्रमात आहे. जो परिश्रम करीत असतो त्‍याच्‍या घरी समृद्धी, सुख अवश्‍य येते.

आई

एकदा एका व्‍यक्तीने स्‍वामी विवेकानंदांना प्रश्‍न विचारला,'' स्‍वामीजी, संसारामध्‍ये जेवढी आईची महती गायली जाते तेवढे महत्व पित्‍याला का दिले जात नाही? मातेइतकाच पितासुद्धा महत्‍वाचा असूनसुद्धा पित्‍याला फारसे का महत्‍व दिले जात नाही याचा कृपया उलगडा करावा.'' स्‍वामीजी यावर काहीच बोलले नाही. ते त्‍या व्‍यक्तिपासून थोडे दूर गेले आणि एक मोठा दगड त्‍यांनी उचलला व त्‍या व्‍यक्तिच्‍या हाती देत ते म्‍हणाले,'' बंधू, हा दगड उद्या सकाळपासून तू पोटाला बांध आणि तुझी नित्‍यनेमाची सर्व कामे करत जा. तुझ्या प्रश्‍नाचे उत्तर तुला मिळून जाईल.'' दुस-या दिवशी सकाळी ओरडतच तो माणूस स्‍वामी विवेकानंदांकडे आला,'' स्‍वामीजी माझी कंबर, पोट दोन्‍हीही खूप दुखत आहे. एक प्रश्‍न काय विचारला मी, तुम्‍ही असे काय विचित्र उत्तर दिले त्‍याचे. माझी कंबर, पोट अगदी दुखून मी हैराण झालो आहे.'' स्‍वामी मंद स्मित करत म्‍हणाले,'' बंधू, तुझ्या प्रश्‍नाचे उत्तर तुला मिळाले नाही काय? अरे जिने नऊ महिने तुला पोटात घेऊन तुला वाढवले, तुझे कधीही तिला ओझे झाले नाही, तिने कधीही कंटाळा केला नाही. त्‍या मातेची महती ही तिन्‍ही लोकांत सर्वश्रेष्‍ठच आहे. ''


तात्‍पर्य :- आईसारखे दैवत सा-या जगतामध्‍ये नाही.

खरी आई कि खोटी आई

एका आठ वर्षाच्‍या मुलाची आई देवाघरी जाते. मुलाच्‍या संगोपनात काही अडचण येऊ नये म्‍हणून वडील दुसरे लग्‍न करून त्‍या मुलासाठी नवीन आई घरी घेऊन येतात. एक महिन्‍यानंतर वडील मुलाला विचारतात,''बेटा, तुला ही नवीन आई कशी काय वाटते? तुझी देवाघरी गेलेली आई चांगली की ही नवीन आई चांगली आहे?'' यावर मुलगा उत्तर देतो,'' बाबा, ही नवीन आलेली आईच खरी आहे आणि देवाघरी गेलेली आई खोटी होती.'' हे अचानक आलेले उत्तर पाहून वडील संभ्रमात पडतात. त्‍यांना समजत नाही की मुलगा काय बोलतो आहे?म्‍हणून पुन्‍हा त्‍या मुलाला विचारतात,'' अरे तुला असे का वाटते ते मला सांग? जिने तुला नऊ महिने पोटात सांभाळले, प्रसुतीवेदना सहन करून जन्‍म दिला ती आई तुला खोटी कशी काय वाटते? आणि ही काल आलेली नवीन आई मात्र तुला खरी कशी काय वाटते?'' मुलगा म्‍हणतो,'' बाबा, मी खूप खोडकर आहे हे तुम्‍हाला माहितीच आहे. देवाघरी गेलेली माझी आई माझ्या खोड्यांना कंटाळून नेहमी मला '' जर तु खोड्या केल्‍या तर तुला मी खायला देणार नाही'' असे म्‍हणत असे. पण तिचे न ऐकता मी सतत खोड्या करत असे. पण ती मात्र मला जेवण देण्‍यासाठी उन्‍हातान्‍हात पूर्ण गावात मला शोधत असे व मला वेळप्रसंगी रागवून, मारून घरी आणत असे व मला स्‍वत:च्‍या मांडीवर बसवून खाऊपिऊ घालत असे आणि ही नवीन आईही पण '' जर तु खोड्या केल्‍या तर तुला मी खायला देणार नाही'' असेच म्‍हणते आणि खरं सांगू का बाबा तुम्‍हाला? गेल्‍या तीन दिवसात खरेच तिने मला खायला दिलेले नाही. म्‍हणूनच मी तिला खरी आई असे म्‍हणत आहे.''

तात्‍पर्य :- आपली आई ही देवाने दिलेली सर्वात मोठी देणगी आहे. 

Sunday 30 November 2014

बैल व चिलट

एक बैल एका झाडाखाली स्वस्थपणे रवंथ करीत बसला होता.इतक्यात एक चिलट येऊन त्याच्या शिंगावर बसले. चिलट जरा आगाऊ होते. चिलट बैलाला म्हणालेमी तुझ्या शिंगावर बसलोय. पण तुला जड वाटत नाही ना! तुला माझं वजन पेलवत नसलं तर तसं सांग— मी आपलं दुसरीकडे जाऊन बसेन. त्यावर बैल डोळे मिटूनच म्हणालामूर्खा,तुला हवं तर बैस किंवा उडून जा. तुझं हे आगाऊपणाने बोलणं ऐकलं तेव्हा कुठे मला समजलंतू माझ्या शिंगावर आहेस ते! 

तात्पर्य : काहीजणांना आपण फार मोठे आहोत असं वाटतं. पण त्यांना लोक काडीची किंमत देत नाहीत।

कष्‍टाची कमाई


एका नगरात दोन चोर राहत होते. प्रत्‍येक दिवशी ते चोरी करत आणि दोन हिस्‍से करून वाटत असत. एक हिस्‍सा स्‍वत:साठी व दुसरा हिस्‍सा ईश्‍वराला देत असत. एका रात्री ते चोरीसाठी निघाले. बरीच भटकंती करूनही त्‍यांना चोरी करण्‍याची संधी मिळाली नाही. दोघेही थकून मंदिराच्‍या ओट्यावर बसले. तेथे त्‍यांना एक संत भेटले. संताने त्‍यांना परिचय विचारला तर त्‍यांनी स्‍वत:बाबत खरे सांगितले. हे ऐकून संत म्‍हणालातुम्‍ही जे करत आहात ते चांगले की वाईट आहे यावर कधी तुम्‍ही विचार केला आहेचोर म्‍हणाले,'' आम्‍ही करत आहोत ते चांगलेच असणार कारण चोरी करून आम्‍ही जे धन किंवा वस्‍तू प्राप्‍त करतो ते आम्‍ही दोन भागांमध्‍ये वाटतो. एक भाग आम्‍ही स्‍वत:कडे ठेवतो आणि दुसरा भाग ईश्‍वराला चरणी अर्पण करतो. तेव्‍हा त्‍या संताने आपल्‍या झोळीतून एक जिवंत कोंबडा काढला आणि त्‍यांना देत म्‍हणाला,'' आज तुम्‍ही चोरी करू श्‍कला नाहीत त्‍यामुळे निराश वाटत आहात हा कोंबडा ठेवा. याचे दोन हिस्‍से करा एक स्‍वत:साठी ठेवा आणि दुसरा ईश्‍वरचरणी ठेवा.'' दोघेही चोर आश्‍चर्यचकित झाले संतांच्‍या बोलण्‍याचा आशय समजून म्‍हणाले,''महाराज इथून पुढे आम्‍ही चोरी न करता कष्‍टाची कमाई करून खाऊ आणि त्‍यातील एक हिस्‍सा ईश्‍वरचरणी ठेवू.'' दोघेही संताला नमस्‍कार करून निघून गेले.

तात्‍पर्य :-पापाची कमाई असंतोष आणि दु:खाचे कारण बनते तर कष्‍टाची कमाई मानसिक सुखशांतता आणि आत्‍म्‍याला सुख देते.

एकीचे बळ मोठे असते.

एका जातक कथेतील वर्णनानुसार वाराणसीलगत एका गावातील एक सुतार रोज जंगलात जात असे. एकदा त्‍याने खड्ड्यात पडलेल्‍या जंगली कुत्र्याच्‍या पिलाचा जीव वाचवला तेव्‍हापासून त्‍याला त्‍या पिलाचा लळा लागला. ते पिलू त्‍याला तेथे भेटत होते. ते पाहून इतरही जंगली कुत्रे त्‍याच्‍याजवळ येत असत. परंतु त्‍यांना सर्वांना एका वाघाने फार त्रस्‍त करून सोडले होते. तो रोज त्‍यांच्‍यावर हल्ले करत होता. सुताराने एक योजना बनविली. नेहमीप्रमाणे वाघ डोंगराच्‍या माथ्‍यावर आला. सर्व कुत्री वेगवेगळ्या ठिकाणी थांबून त्‍याच्‍यावर भुंकु लागली. वाघाने चवताळून एका कुत्र्यावर झेप घेतली तसा तो कुत्रा खाली बसला. वाघाची उडी थेट त्‍या कुत्र्याच्‍या मागे असणा-या एका मोठ्या खड्ड्यात पडली. सगळ्या कुत्र्यांनी त्‍याच्‍यावर धाव घेतली व त्‍याच्‍यावर हल्‍ला करून त्‍याला ठार केले.


तात्‍पर्य :- एकीचे बळ मोठे असते. 

एकाग्रता, स्‍नेह आणि प्रेमभावनेने कोणावरही विजय प्राप्त करता येतो.

एक साधू तपश्‍चर्येस एका निर्जन स्‍थळी बसले होते. त्‍या ठिकाणी एका यक्षाचे वास्‍तव्‍य होते. या गोष्‍टीची साधूला कल्‍पना नव्‍हती. ते जेव्‍हा तेथे पोहोचले तेव्‍हा निर्जन स्‍थान पाहून त्‍यांनी तेथेच ध्‍यानधारणा सुरु केली. त्‍या वेळी यक्ष तेथे नव्‍हता. रात्री जेव्‍हा यक्ष तेथे आला तेव्‍हा आपल्‍या जागेवर दुस-यास व्‍यक्तीला पाहून त्‍याला राग आला. त्‍याने मोठ्याने आरडाओरड सुरु केली, पण समाधी अवस्‍थेत असलेल्‍या साधूवर त्‍याचा काहीच परिणाम झाला नाही. यक्षाने मग हत्तीचे रूप घेऊन त्‍यांना भीती दाखविण्‍याचा प्रयत्‍न केला. परंतु ते ध्‍यानस्‍थ असल्‍याने त्‍यांच्‍यावर याचा काहीच परिणाम झाला नाही. मग यक्षाने वेगवेगळी रूपे घेऊन साधूला घाबरविण्‍याचा प्रयत्‍न केला. कधी तो वाघ, सिंह, तरस, कोल्‍हा अशा जंगली प्राण्‍यांची रूपे घेतली तरी साधूच्‍या ध्‍यानात काहीच खंड पडेना. शेवटी त्‍याने विषारी सापाचे रूप धारण करून त्‍यांना दंश केला तरीही त्‍यांच्‍यावर याचा काहीच परिणाम दिसेना. इतक्‍या प्रयत्‍नानंतरही साधूवर कोणताही परिणाम न झाल्‍याने यक्ष झालेल्‍या श्रमाने थकून सर्परूपातच विश्रांती घेऊ लागला. थोड्याच वेळात साधूंची समाधी अवस्‍था पूर्ण झाली व ते जागे झाले व त्‍यांची नजर सर्परूपी यक्षावर पडली. त्‍या नजरेत इतके प्रेमभाव भरलेले होते की त्‍या कृपादृष्‍टीने सापाच्‍या अंगातील विष अमृत बनले. यक्ष साधूंना शरण गेला व त्‍याने त्‍यांना आदरपूर्वक वंदन केले.

तात्‍पर्य  एकाग्रता, स्‍नेह आणि प्रेमभावनेने कोणावरही विजय प्राप्त करता येतो. 

Wednesday 5 November 2014

जिद्द

जिद्द
मंजूच्या बोटांना जन्मापासूनच आपल्या सारखी पेरं नव्हती. त्यामुळे तिला वस्तू धरतांना, लिहीतांना, बटण लावतांना अशी रोजची कामे करतांना खूपच त्रास व्हायचा. पण मंजू जिद्दीने स्वतःची कामे कोणाचीही मदत न घेता पूर्ण करायची. मंजूला चित्रकलेची खूपच आवड होती. चित्र काढतांना तिला वेळेचे भान राहत नसे. एका रविवारी सकाळी तीन तास बसून बागेचे सुंदर चित्र रंगवले. चित्र पाहताच आईने आनंदाने मंजूला जवळ घेत म्हटले,"मंजू, तुझ्या हातात कला आहे. त्याला अधिकाधिक वाढवायचा प्रयत्न कर". आईच्या बोलण्याचा मंजूवर खोलवर परिणाम झाला.
त्या रात्री आईबाबांचे बोलणे मंजूच्या कानावर पडले. आई म्हणत होती,"अहो, आता शाळेत स्पर्धा आहेत. आपण मंजूला नवीन रंग आणि काही कागद घेऊन देऊ या का?". त्यावर बाबा वैतागलेल्या सुरात म्हणाले," अगं, महागई किती वाढलेली आहे. शिक्षणाच्या भविष्याच्या द्रुष्टीने कितीतरी पैसा साठवायचा आहे. रंगाचे पैसे खर्च करणे आपल्याला शक्य नाही. तसे ही हातामुळे मंजूला फार काळ चित्रकला करता येईल असे मला वाटत नाही." वडीलांचे हे शब्द ऐकून मंजूला रडूच कोसळले. सकाळी काढलेले चित्र तिने फाडून टाकले.
दुसर्‍या दिवशी उठल्यावर मंजू आईला स्वयंपाकात मदत करायला आली. आईने आश्चर्याने तिला त्याबद्दल विचारले. मंजूने कालचे संभाषण ऐकल्याचे सांगितले. आईच्या डोळयात पाणी आले. तिने मंजूला कुशीत घेत म्हटले," मंजू आपल्या अपंगावर आपणच मात करायला शिकले पाहिजे. तुला माहिती आहे विल्मा रुडाल्फ ही अमेरिकन खेळाडू पोलिओमुळे दोन्ही पायांनी अपंग होती. पण मेहनत आणि जिद्दीच्या जोरावर तिने ऑलिंपिक स्पर्धेत तीन सुवर्ण पदके मिळवून जागतिक विक्रम केला होता. मंजू तुझी स्थिती तर ह्यापेक्षा कितीतरी चांगली आहे. तुझ्या ह्या वाटचालीत तुला अनेक अडचणी येणारच आहेत. त्यावर मात करायला शिक."
आईच्या बोलण्याने मंजूला खूपच हुरुप आला. आईला घटट मिठी मारत मंजू म्हणाला, " हो आई, जर विल्मा करु शकते तर मी का नाही"

Wednesday 22 October 2014

शालेय विद्यार्थ्यांसाठी प्रकल्प

शालेय विद्यार्थ्यांसाठी  प्रकल्प
प्रकल्प म्हणजे काय ?

             विद्यार्थ्याने शालेय विषयांच्या अभ्यासक्रमाशी संबंधित असणारा एक विषय निवडून पुढील उद्दिष्टे साध्य करण्यासाठी आपले वय, आकलनशक्ती, स्वतःभोवतालचा परिसर व त्यात सहज उपलब्ध असणारे प्रकल्प साहित्य यांचा विचार करून केलेला उपक्रम म्हणजे प्रकल्प होय.

प्रकल्पाची उद्दिष्टे –

1. स्वयंअध्ययनाची सवय लावणे.

2. स्वकुवतीनुसार अध्ययनाची संधी मिळवणे.

3. स्वतःमध्ये उपजतच असणा-या निरीक्षण, निवेदन, संकलन, सादरीकरण आदी क्षमतांचा विकास घडवणे.

4. तर्कसंगत विचार करून अनुमान मांडणे.

5. कल्पकता, सृजनशीलता, संग्रहवृत्ती, श्रमप्रतिष्ठा, स्वयंशिस्त, चिकाटी, सौंदर्यदृष्टी, वक्तशीरपणा, नीटनेटकेपणा, संघभावना इत्यादी गुणांचा विकास घडवणे.

6. आत्मविश्वास प्राप्त करणे.

7. या व्यतिरिक्त निवडलेल्या विषयाची खास वैशिष्ट्ये अभ्यासणे. उदा.- भाषा विषय – उच्चतम शुद्धता, पाठांतर क्षमता, विचार मांडण्याची क्षमता इत्यादी.

प्रकल्पकार्य लेखन कसे कराल?

प्रकल्पकार्य करणे जितके महत्त्वाचे आहे, तितकेच केलेल्या प्रकल्पकार्याचे सुयोग्य प्रकारे लेखन करणेही महत्त्वाचे आहे, कारण निवेदन, सादरीकरण आदी क्षमतांचा विकास घडवणे आणि तर्कसंगत विचार करून अनुमान मांडणे ही प्रकल्पाची उद्दिष्टे तुमच्या प्रकल्पकार्य लेखनातून मूर्त स्वरूप घेणार आहेत. प्रकल्पकार्य लेखन कसे करावे, याचे मुद्देसूद मार्गदर्शन पुढे दिलेले आहे –


( विद्यार्थ्यांसाठी )
1. प्रकल्पाचे नाव (विषयासह) – निवडलेल्या अभ्यासक्रमातील विषयाचे नाव प्रथम लिहा. नंतर त्या विषयातील निवड केलेल्या प्रकल्पाचे नाव लिहा.

2. प्रकल्पाचा प्रकार – निवड केलेला प्रकल्प पुढीलपैकी कोणत्या प्रकारचा आहे, त्याचा उल्लेख करा – सर्वेक्षणात्मक प्रकल्प, संग्रहात्मक प्रकल्प, संकलनात्मक प्रकल्प, रचनात्मक प्रकल्प, तक्त्यांच्या निर्मितीचा प्रकल्प, प्रतिकृती निर्मितीचा प्रकल्प.

3. प्रकल्पाची उद्दिष्टे – निवड केलेल्या प्रकल्पाची सुयोग्य उद्दिष्टे लिहा.

4. प्रकल्पाचे साहित्य – विषयासंबंधित पाठ्यपुस्तक, लेखनसाहित्य, उपयुक्त साधने यांचा उल्लेख करा.

5. प्रकल्पाची कार्यपद्धती – प्रकल्प साकारत असताना करण्यात येणा-या कृतींचा उल्लेख क्रमवार पद्धतीने करा.

6. प्रकल्पाचे निवेदन – यामध्ये निवड केलेल्या प्रकल्प करण्यामागचा हेतू अधिक स्पष्ट करून मांडा.

7. प्रकल्पाचे सादरीकरण – संकलित केलेल्या माहितीची योग्य प्रकारे मांडणी करा. संकलन करतेवेळी आलेल्या विशेष अनुभवांची नोंद करा. तसेच त्यावेळी मिळालेल्या सहकार्याचा, मदतकार्याचाही उल्लेख करा. घेतलेल्या संदर्भसाहित्याची नोंद करा.

8. आकृत्या व चित्रांकनासाठी – येथे प्रकल्पाशी संबंधित चित्रे, आकृत्या, नकाशे चिकटवा आणि योग्य प्रकारे सुशोभन करा.

( शिक्षकांसाठी )
9. प्रकल्पपुर्तीसाठी वेळोवेळी केलेल्या विशेष बाबींची नोंद – यामध्ये निवड केलेल्या प्रकल्पाबाबतीतील वैशिष्ट्यपूर्ण बाबींची नोंद करा. 

10. मूल्यमापन – यामध्ये केलेल्या प्रकल्पाची कोणकोणती उद्दिष्टे साध्य झाली? कोणते ज्ञान प्राप्त झाले? प्रकल्पासंबंधीचे स्वतःचे मत किंवा अभिप्राय लिहा. तसेच प्रकल्प पर्ण करताना मिळालेल्या स्वानंदाचा उल्लेख एक-दोन वाक्यांत करा.

शालेय प्रकल्पांसाठी यादी
1. माहिती संकलन –

                                 थोर संत, थोर समाजसुधारक, थोर राष्ट्रपुरूष, थोर शास्त्रज्ञ, थोर खेळाडू, थोर समाजसेवक, थोर समाजसेविका इत्यादी.

2. संग्रह –

                   म्हणीसंग्रह, वाक्प्रचार संग्रह, अभंगसंग्रह, श्लोक संग्रह, सुविचार संग्रह, कवितासंग्रह, भावगीत संग्रह, पोवाडा संग्रह, समरगीत संग्रह, देशभक्तीपर गीत संग्रह, पशु-पक्षी यांच्या चित्रांचा संग्रह, शंख-शिंपले संग्रह, तिकिटे संग्रह, जुनी नाणी संग्रह इत्यादी.

3. प्रदर्शन –

                    चित्रकलाकृती प्रदर्शन, ग्रंथ प्रदर्शन, पुस्तके प्रदर्शन, विज्ञानप्रकल्प प्रदर्शन, विविध प्रकारच्या खेळण्यांचे प्रदर्शन इत्यादी.

4. तक्ते –

                   शालेय शैक्षणिक विषयातील विविध घटकांचे तक्ते इत्यादी.

5. आदर्श –

                   आदर्श बालक-बालिका, आदर्श विद्यार्थी-विद्यार्थिनी, आदर्श शिक्षक-शिक्षिका, आदर्श शाळा, आदर्श समाजसेवक-समाजसेविका, आदर्श महिला, आदर्श गाव, आदर्श शहर, आदर्श राष्ट्र इत्यादी.

कृतिसंशोधन

कृतिसंशोधन
संकल्पना-
                शिक्षक दैनंदिन अध्ययन-अध्यापन करीत असतांना अनेक समस्या, अडचणी येतात. त्या समस्या, अडचणी दूर करून विद्यार्थ्यांची संपादणूक पातळी वाढविण्यासाठी शिक्षकांना प्रयत्न करावे लागतात. शिक्षक वर्गाध्यापनात येणा-या अडचणी लगेचच सोडविण्याची आवश्यकता असते. आपले प्रश्न, आपल्या समस्या, आपल्या अडचणी आपणच सोडविणे हेही गरजेचे असते. या समस्या सोडविण्यासाठी काही उपाय विचारपूर्वक योजावे लागतात. हे उपाय योजणे व त्यांचा अचूक परिणाम साधणे यासाठी शिक्षकांची अंतर्दृष्टी विकसित व्हावी लागते. अनेक शिक्षक आपल्या समस्या सोडविण्यासाठी असे प्रयत्न करीत असतात. अशा प्रयत्नांना कृतिसंशोधनाचे स्वरूप लाभते.

                दैनंदिन जीवनात ज्या विविध शैक्षणिक समस्यांना तोंड द्यावे लागते, त्यासंबंधी शिक्षकांनी प्रत्यक्ष कृतियुक्त उपाय योजून त्या उपायांच्या परिणामकारकतेची तपासणी केली तर त्याला शैक्षणिक कृतिसंशोधन म्हणतात.

                डॉ. स्टीफन कोवे – आपले निर्णय व उपक्रम यांच्याबाबत मार्गदर्शन मिळावे, त्यात सुधारणा व्हाव्यात व त्यांचे योग्य त-हेने मूल्यमापन व्हावे म्हणून व्यावसायिकांनी आपल्या समस्यांचा वैज्ञानिक पद्धतीने स्वतःच अभ्यास करण्याचा प्रयत्न करणे म्हणजे कृतिसंशोधन होय.

कृतिसंशोधनाची उद्दिष्टे –

१. दैनंदिन शैक्षणिक व्यवहारात निर्माण झालेल्या समस्यांचा शास्त्रीय पद्धतीने अभ्यास करणे.

२. समस्या सोडविण्यासाठी योग्य उपायांचा शोध घेणे व उपायांचा वापर करून निष्कर्ष काढणे.

३. निष्कर्षांना अनुसरून आपल्या शालेय कामकाजात योग्य तो बदल करून कामाचा शैक्षणिक दर्जा उंचावणे.

                                              कृतिसंशोधनाच्या पाय-या –

               शालेय विषयांतील एखाद्या समस्येचे निराकरण शास्त्रशुद्ध पद्धतीने करत असताना कृतिसंशोधनातील टप्प्यांचा आधार घ्यावा लागतो. ते टप्पे / पाय-या पुढीलप्रमाणे-

१. स्थूल समस्या

२. निश्चित समस्या

३. संभाव्य कारणे

४. गृहीत कृत्य

५. वस्तुस्थितीनिश्चिती

६. उपाययोजना

७. मूल्यमापन

८. उपयोजन

अहवाल लेखन –

                आराखड्यानुसार संशोधन कार्य पूर्ण झाले की त्याचा अहवाल लिहून काढणे ही त्या कार्याची इतिश्री असते.

संशोधन अहवाल लेखन म्हणजे संशोधन कार्य पूर्ण केल्याची पावती आहे. या अहवालाचा उपयोग समान परिस्थितीत संशोधन करणा-यांना होऊ शकतो. या संशोधनातून प्राप्त झालेली फलिते, त्यांचे निष्कर्ष व केलेल्या शिफारशी इतरांना कळाव्यात व त्यांचा त्यांनी लाभ घ्यावा. स्वतः संशोधकास व इतरांना चांगले कृतिसंशोघन अहवाल वाचून ल्वतःचे कृतिसंशोधन करण्.ची कार्यपद्धती ठरवितांना दिशा मिळू शकते. यासाठी अहवाल उपयुक्त ठरतो.

              कृतिसंशोधन अहवाल लेखनाचे तीन विभाग असतात.

१) प्राथमिक विभाग -
  • मुखपृष्ठ
  • प्रथम पृष्ठ
  • दाखला / प्रतिज्ञापत्र
  • ऋणनिर्देश
  • अनुक्रमणिका

२) प्रमुख विभाग –
  • संशोधन विषयाची ओळख
  • संशोधनासंबंधित साहित्याचा आढावा
  • संशोधनाची कार्यवाही
  • माहितीचे संकलन, विश्लेषण व अर्थनिर्वचन
  • सारांश, निष्कर्ष व शिफारशी


३) अंतिम विभाग -
  • ग्रंथसूची
  • परिशिष्टे

Sunday 12 October 2014

प्रश्नसंच ५५ - [पंचायत राज]

[प्र.१] त्रिस्तरीय पंचायत राज व्यवस्थेतील कोणत्या स्तराला वसंतराव नाईक समितीने जास्त महत्व दिले?
१] जिल्हा परिषद
२] पंचायत समिती
३] ग्रामपंचायत
४] ग्रामसभा

उत्तर
----------------
[प्र.२] ग्रामपंचायतीची कमीत कमी सदस्य संख्या किती असू शकते?
१] ५
२] ७
३] ९
४] १०

उत्तर
----------------
 [प्र.३] द्विस्तरीय पंचायत राज व्यवस्थेची शिफारस कोणत्या समितीने केली?
१] वसंतराव नाईक
२] बलवंतराय मेहता
३] पी.बी.पाटील
४] अशोक मेहता

उत्तर
----------------
[प्र.४] प्रशासकीय सुधारणा आयोगाने खालीलपैकी कोणत्याशिफारसी केल्या होत्या?
अ] पंचायत राज व्यवस्थेमध्ये जिल्हा या स्तराला जास्त महत्व असावे.
ब] ग्रामसभेच्या वर्षातून किमान २ बैठका व्हाव्यात.
क] ग्रामपंचायतीचे सदस्य हे पंचायत समितीचे पदसिद्ध सदस्य असावे.

१] फक्त अ
२] फक्त अ व ब
३] फक्त अ व क
४] वरील सर्व

उत्तर
----------------
[प्र.५] त्रिस्तरीय पंचायत राज व्यवस्थेतील कोणत्या स्तराला बलवंतराय मेहता समितीने जास्त महत्व दिले?
१] जिल्हा परिषद
२] पंचायत समिती
३] ग्रामपंचायत
४] ग्रामसभा

उत्तर
----------------
[प्र.६] पंचायत समितीमध्ये अप्रत्यक्ष निवडणुकीच्या तत्वाऐवजी प्रत्यक्ष निवडणुकीच्या तत्वाचा वापर करण्याची शिफारस कोणत्या समितीने केली?
१] अशोक मेहता
२] वसंतराव नाईक
३] ल.ना.बोंगिरवार
४] पी.बी.पाटील

उत्तर
----------------
[प्र.७] 'प्रौढ शिक्षण कार्यक्रम जिल्हा परिषदेकडे सोपविण्यात यावा' अशी शिफारस कोणत्या समितीने केली?
१] वसंतराव नाईक
२] बलवंतराय मेहता
३] पी.बी.पाटील
४] अशोक मेहता

उत्तर
----------------
[प्र.८] पी.बी.पाटील समितीने सरपंचाच्या एकूण जागेपैकी किती टक्के जागा स्त्रियांसाठी राखीव ठेवण्याची शिफारस केली?
१] ५०%
२] २५%
३] २७%
४] ३३%

उत्तर
----------------
[प्र.९] वसंतराव नाईक समितीने आपला अहवाल राज्य शासनाला कधी सादर केला?
१] १६ जून १९६२
२] १५ मार्च १९६१
२] २४ डिसेंबर १९६१
३] २ ऑक्टोबर १९६२

उत्तर
----------------
[प्र.१०] अशोक मेहता समितीच्या स्थापनेचा उद्देश खालीलपैकी कोणता होता?
अ] पंचायत राजमध्ये ग्रामीण जनतेचा सहभाग वाढविणे.
ब] पंचायत राजचे मूल्यमापन करणे.
क] पंचायत राज व्यवस्थेचे मूल्यमापन करणे.

१] फक्त अ
२] फक्त अ व ब
३] फक्त अ व क
४] वरील सर्व

महाराष्ट्रातील अभयारण्ये

महाराष्ट्रातील अभयारण्ये


  • अनेर - धुळे
  • अंधेरी - चंद्रपूर
  • औट्रमघाट - जळगांव
  • कर्नाळा - रायगड
  • कळसूबाई - अहमदनगर
  • काटेपूर्णा - अकोला 
  • किनवट - यवतमाळ
  • कोयना - सातारा
  • कोळकाज - अमरावती
  • गौताळा औट्रमघाट - औरंगाबाद, जळगांव
  • चांदोली - सांगली, कोल्हापूर
  • चापराला - गडचिरोली
  • जायकवाडी - औरंगाबाद 
  • ढाकणा कोळकाज - अमरावती
  • ताडोबा - चंद्रपूर
  • तानसा - ठाणे
  • देऊळगांव रेहेकुरी - अहमदनगर
  • नवेगांव - भंडारा
  • नागझिरा - भंडारा
  • नांदूर मध्यमेश्वर - चंद्रपूर
  • नानज - सोलापूर
  • पेंच - नागपूर
  • पैनगंगा - यवतमाळ, नांदेड
  • फणसाड - रायगड
  • बोर - वर्धा
  • बोरीवली(संजय गांधी) - मुंबई
  • भिमाशंकर - पुणे, ठाणे
  • मधमेश्वर - चंद्रपूर
  • मालवण - सिंधुदुर्ग 
  • माळढोक - अहमदनगर, सोलापूर
  • माहीम - मुंबई
  • मुळा-मुठा - पुणे
  • मेळघाट - अमरावती
  • यावल - जळगांव
  • राधानगरी - कोल्हापूर
  • रेहेकुरी - अहमदनगर
  • सागरेश्वर - सांगली

महाराष्ट्रातील थंड हवेची ठिकाणे

महाराष्ट्रातील थंड हवेची ठिकाणे


  • आंबोली (सिंधुदुर्ग)
  • खंडाळा (पुणे)
  • चिखलदरा-गाविलगड (अमरावती)
  • जव्हार (ठाणे)
  • तोरणमाळ (नंदुरबार)
  • पन्हाळा (कोल्हापूर)
  • पाचगणी (सातारा)
  • भिमाशंकर (पुणे)
  • महाबळेश्वर (सातारा)
  • माथेरान (रायगड)
  • मोखाडा (ठाणे)
  • म्हैसमाळ (औरंगाबाद)
  • येडशी (उस्मानाबाद)
  • रामटेक (नागपूर)
  • लोणावळा (पुणे)
  • सूर्यामाळ (ठाणे)

शिवाजी शहाजी भोसले

शिवाजी शहाजी भोसले
छत्रपती
Shivaji British Museum.jpg
छत्रपती शिवाजीराजे भोसले यांचे लंडन इथल्या ब्रिटिश संग्रहालयातील अस्सल चित्र
Shivaji Maharaj Rajmudra.jpg
छत्रपती शिवाजीराजे भोसले यांची राजमुद्रा
अधिकारकाळ जून ६, १६७४ - एप्रिल ३, १६८०
राज्याभिषेक जून ६, १६७४
राज्यव्याप्ती पश्चिम महाराष्ट्र, कोकण,
सह्याद्री डॊंगररांगांपासून नागपूरपर्यंत
आणि
उत्तर महाराष्ट्र, खानदेशापासून
दक्षिण भारतात तंजावर पर्यंत
राजधानी रायगड किल्ला
पूर्ण नाव शिवाजीराजे शहाजीराजे भोसले
जन्म फेब्रुवारी १९, १६३०

शिवनेरी किल्ला, पुणे
मृत्यू एप्रिल ३, १६८०

रायगड
उत्तराधिकारी छत्रपती संभाजीराजे भोसले
वडील शहाजीराजे भोसले
आई जिजाबाई
पत्नी सईबाई,
सोयराबाई,
पुतळाबाई,
काशीबाई,
सकवारबाई
राजघराणे भोसले,सिसोदिया(भोसावत)
राजब्रीदवाक्य 'प्रतिपच्चंद्रलेखेव वर्धिष्णुर्विश्ववंदिता शाहसुनोः शिवस्यैषा मुद्रा भद्राय राजते।'
चलन होन, शिवराई (सुवर्ण होन, रुप्य होन??)

Wednesday 1 October 2014

4थी प्रथम सत्र परिसर अभ्यास संकलित मूल्यमापन


लालबहादूर शास्त्री


लालबहादूर शास्त्री (रोमन लिपी: Lal Bahadur Shastri) (२ ऑक्टोबर, इ.स. १९०४ - ११ जानेवारी, इ.स. १९६६) हे भारतीय स्वातंत्र्यलढ्यातील स्वातंत्र्यसैनिक व भारतीय प्रजासत्ताकाचे दुसरे पंतप्रधान होते. ९ जून, इ.स. १९६४ रोजी यांनी पंतप्रधानपदाची सूत्रे हाती घेतली. यांच्या कार्यकाळात इ.स. १९६५सालचे दुसरे भारत-पाकिस्तान युद्ध घडले. सोव्हियेत संघाच्या मध्यस्थीने पाकिस्तानबरोबर युद्धबंदीचा ताश्कंद करार करण्यासाठी ताश्कंद (तत्कालीन सोव्हियेत संघात, वर्तमान उझबेकिस्तानात) येथे दौऱ्यावर असताना ११ जानेवारी, इ.स. १९६६ रोजी यांचा हृदयविकाराचे दोन झटके येऊन मृत्यू झाला.
जीवन
२ ऑक्टोबर, इ.स. १९०४ साली वाराणसी येथे एका गरीब, प्राथमिक शिक्षकाच्या घरी त्यांचा जन्म झाला. ते दीड वर्षांचे झाले तेव्हा त्यांचे वडील निधन पावले. माता रामदुलारी आपल्या मुलांना पदराखाली घालून माहेरी आली. प्राथमिक शिक्षण मिर्झापूर येथे तर माध्यमिक शिक्षण वाराणशीला झाले. तेथे त्यांना निल्कामेश्वर प्रसाद असे पितृतुल्य गुरू भेटले. त्यांनी महात्मा गांधी, लोकमान्य टिळक, लाला लजपतराय यांच्या जीवनदर्शनाचे तज्ञ्ल्त्;व त्यांना समजाविले.
वयाच्या अकराव्या वर्षी बनारस हिंदू विश्वविद्यालयाची किनशिला बसविण्यासाठी आलेले गांधीजी त्यांना दिसले. तिथे त्यांच्या गाजलेल्या भाषणाने ते भारावून गेले. मग त्यांनी गांधीजींची पाठ सोडली नाही. चंपारण्य सत्याग्रह, रौलेट अ‍ॅक्ट, जालियनवाला हत्याकांड इत्यादी घटनांचे प्रतिसाद त्यांच्या मनात घर करून बसले. विदेशीवर बहिष्कार, स्वदेशीचा वापर यातच लालबहादूर गुंतले व त्यातून सुटताच पुन्हा विद्यापीठात दाखल झाले. काशी विद्यापीठाचे 'शास्त्री' झाले.( त्यांचे मूळ आडनाव 'श्रीवास्तव' हे होते.) 'सर्व्हटस ऑफ दि पीपल्स' सोसायटीचे सदस्य झाले. शैक्षणिक आणि सामाजिक सुधारणा हे त्यांचे ध्येय होते. समानतेचे सूत्र होते. इ.स. १९२८ साली लाला लजपतराय गेले व पुरूषोत्तमदास टंडन सोसायटीचे अध्यक्ष झाले. ते अलाहाबादला दाखल झाले. त्यांचीच अध्यक्ष म्हणून निवड झाली. विधायक कार्यकत्र्यांची ती पाठशाळाच होती. आचार्य नरेंद्र देव, आचार्य कृपलानी, डॉ. भगवानदास, डॉ. संपूर्णानंद, श्रीप्रकाश यांचा परिचय व मैत्री झाली.
नेहरू, शास्त्रीना कॉंग्रेसचे मवाळ धोरण मान्य नव्हते. इ.स. १९३७ मध्ये सत्याग्रह करून ते कारावासात गेले. सत्तेची लालसा नव्हती; पण इ.स. १९४६ साली निवडणुका झाल्या. ते गोविदवल्लभ पंतांचे सेेक्रटरी झाले. पंत गेल्यावर ते उत्तर प्रदेशचे मुख्यमंत्री झाले. इ.स. १९५१ साली मध्ये त्यांनी पं. जवाहरलालजींनी त्यांना काॅंग्रेसचे सचिव केले. इ.स. १९५६ साली त्यांना रेल्वेमंत्रीपद दिले. पण एका अपघाताची नैतिक जबाबदारी घेऊन त्यांनी त्या पदाचा राजिनामा दिला. इ.स. १९५७ मध्ये त्यांनी कॉंग्रेसला निवडणुका जिंकून दिल्या. २७मे, इ.स. १९६४ला नेहरू गेले. त्यानंतर लालबहादूर एकमताने पंतप्रधान झाले. पाकिस्तानला ही सुसंधी वाटली. पाकिस्तानने भारतावर आक्रमण केले. 'जय जवान, जय किसान' हा घोषणामंत्र वातावरणात निनादला. भारताने पाकिस्तानला नमविले. युनोने युद्धबंदी केली. रशियाने मध्यस्थी केली. १० जानेवारी, इ.स. १९६६ रोजी ह्रदयविकाराच्या तीव्र झटल्याने त्यांची जीवनज्योत मालवली. त्यांनी देशासाठी केलेल्या महत्त्वपूर्ण कार्यासाठी त्यांना मरणोत्तर भारतरत्न पुरस्काराने गौरवण्यात आले.